फैक्ट चेक: गणेश चतुर्थी के दौरान पत्थरबाजी की घटना को इस AI तस्वीर से जोड़कर किया वायरल, जानें पूरा सच

  • पोस्ट साम्प्रदायिक दावे के साथ वायरल
  • पंडाल में पत्थर फेंकने के लिए दर्जनों लोगों के पत्थर इकट्ठा करने का दावा
  • एआई टूल की मदद से पता चली सच्चाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-22 09:57 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस फोटो में दर्जनों लोगों को देखा जा सकता है जिन्होंने सिर पर सफेद टोपी पहनी हुई है। ये सभी लोग पत्थर इकट्ठा करते हुए नजर आ रहे हैं। लोग इस फोटो को शेयर कर साम्प्रदायिक दावे कर रहे हैं। इस फोटो को गणेश चतुर्थी के दौरान पंडाल पर हुई पत्थरबाजी से जोड़ कर वायरल किया जा रहा है। दरअसल, हाल ही में गणेश चतुर्थी के त्योहार के समय कई गणपति बप्पा के कई पंडालों पर पतथराव की घटना सामने आई थी।

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क्या हो रहा है वायरल?

‘Anjali Chauhan’ नामक फेसबुक यूजर ने वायरल हो रही फोटो को 15 सितंबर को अपने अकाउंट पर शेयर कर लिखा- गणपति महोत्सव के दौरान कहां-कहां हुआ हमला! सूरत, गुजरात– मुसलमानों का हमला कच्छ, गुजरात– मुसलमानों का हमला, मांड्या, कर्नाटक– मुसलमानों का हमला, औरंगाबाद, बिहार– मुसलमानों का हमला, महोबा, उत्तर प्रदेश– मुसलमानों का हमला, भीलवाड़ा, राजस्थान– मुसलमानों का हमला, गंगा-जमुनी तहजीब का पालन क्या केवल हिन्दू करेगा? क्या भाइचारा सिर्फ हिन्दूओं को ही निभाना होगा? क्योंकि मुसलमान तो हिंदुओं को चारा बनाने में लगे हैं। और क्या अब तक किसी मौलाना-मौलवी ने इन हमलों के खिलाफ बोला।


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क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई?

सबसे पहली बात तो ये कि फोटो देखने में ही असली नहीं दिख रही है। हमने वायरल पोस्ट की सच्चाई पता लगाने के लिए हाइव मॉडरेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद ली। इस टूल के मुताबिक, वायरल फोटो 99.9 परसेंट एआई जनरेटेड है।


हमने हगिंग फेस नाम का टूल इस्तेमाल किया तो पता चला कि वायरल तस्वीर असली नहीं बल्कि एआई से बनाई गई है। यहां इस तस्वीर के 97 फीसदी AI जनरेटेड बताया गया। इससे ये साफ होता है कि लोग इस फोटो को लेकर झूठा दावा कर रहे हैं।


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